शाजान पद्मसी के माता-पिता दोनों ही मशहूर थियेटर आर्टिस्ट रहे हैं। पिता का नाम अलीक पद्मसी है, जो एक दिग्गज थियेटर आर्टिस्ट हैं। उन्हें संगीत नाटक अकादमी से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिला है। साथ ही, उन्हें सन् 2000 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। मां का नाम शैरॉन प्रभाकर है, जो एक पॉप सिंगर और थियेटर आर्टिस्ट हैं। शाजान की चचेरी बहन राइसा पद्मसी फ्रेंच आर्टिस्ट हैं।
बॉलीवुड में नेपोटिज्म का विषय हमेशा से ही चर्चा का केंद्र रहा है। वहाँ, कुछ स्टार किड्स को एक अच्छा ब्रेक मिलता है जबकि कुछ को फिल्मों में अपना स्थान बनाने के लिए लड़ना पड़ता है। फिल्मी परिवार से जुड़े हुए किसी कलाकार के लिए यह बड़ी चुनौती हो सकती है। एक ऐसी कहानी हमें शाजान पद्मसी के जीवन में दिखती है।
2009 में, शाजान ने बॉलीवुड में अपना डेब्यू किया। उनकी पहली फिल्म ‘रॉकेट सिंह- सेल्समैन ऑफ द ईयर’ थी, जिसमें वे रणवीर कपूर के साथ नजर आईं। इसके बाद, उन्होंने ‘दिल तो बच्चा है जी’, ‘हाउसफुल 2’ जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया। हिंदी फिल्मों के अलावा, उन्होंने तमिल और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया। 2015 में ‘सॉलिड पटेल्स’ नामक फिल्म में उनका अभिनय सराहा गया।
लेकिन फिर भी, शाजान की करियर में एक बड़ी गाढ़ावस्था आई। कुछ समय तक वे देखने में नहीं आईं और उनका करियर ठप्प हो गया। फिर, साल 2023 में, उन्होंने ‘पागलपन नेक्स्ट लेवल’ फिल्म में अपना वापसी की। इसके अलावा, वे ‘सुपर धमाल’ नामक शो के होस्ट भी हैं।
शाजान पद्मसी की कहानी हमें यह बताती है कि कभी-कभी फिल्मी परिवार से आने वाले कलाकारों को भी संघर्ष का सामना करना पड़ता है। उन्होंने अपने परिवार के नाम का गर्व किया है, लेकिन उन्हें भी स्वयं को साबित करने के लिए मेहनत करनी पड़ी। उनकी कहानी एक प्रेरणादायक संदेश देती है कि सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करना होता है, चाहे राह में कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों।