वित्तीय वर्ष 2024 अपने अंतिम चरण में है, और निवेशकों के लिए यह एक रोलरकोस्टर जैसा रहा है। जहाँ एक तरफ क्रिप्टोकुरेंसी बिटकॉइन ने अभूतपूर्व तेजी दिखाई है, वहीं दूसरी तरफ पारंपरिक निवेश विकल्पों जैसे शेयर बाजार और सोने ने भी निराश नहीं किया है।
बिटकॉइन का शानदार प्रदर्शन:
इस वित्तीय वर्ष की सबसे बड़ी कहानी निस्संदेह बिटकॉइन का उल्कापिंडीय उदय रहा है। इसकी कीमत ने एक ऐतिहासिक छलांग लगाई है, और अब यह एक किलो सोने के मूल्य के बराबर पहुँच चुकी है। 7 मार्च, 2024 को, अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक किलो सोने की कीमत 71,780 डॉलर थी, जबकि उसी दिन बिटकॉइन 70,843 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। यह तुलना कुछ ही वर्षों पहले अकल्पनीय थी, जब बिटकॉइन एक अस्पष्ट डिजिटल संपत्ति थी।
इस वित्तीय वर्ष के दौरान, बिटकॉइन की कीमत में 148% की जबरदस्त वृद्धि हुई है। यह वृद्धि पारंपरिक निवेशों को बौना बना देती है। सोने की कीमत में भी वृद्धि हुई है, लेकिन 12% की वृद्धि के साथ, यह बिटकॉइन की तुलना में काफी फीका लगता है।
बिटकॉइन की रैली हालिया नहीं है। पिछले सात दिनों में ही इसकी कीमत में 10,000 डॉलर की वृद्धि हुई है। यह अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से केवल 4% कम है, जिसने निवेशकों की उत्तेजना को और बढ़ा दिया है।
बिटकॉइन की तेजी के पीछे कई कारक माने जा रहे हैं। एक प्रमुख कारक अक्टूबर 2023 से वैश्विक क्रिप्टोकुरेंसी बाजार का 1.7 ट्रिलियन डॉलर का विस्तार है। यह वृद्धि दर्शाती है कि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी मुख्यधारा में तेजी से प्रवेश कर रही हैं। इसके अलावा, हाल ही में बिटकॉइन ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) का शुभारंभ और संयुक्त राज्य अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने भी बिटकॉइन की मांग को बढ़ा दिया है।
हालाँकि, बिटकॉइन की कहानी केवल सफलता की गाथा नहीं है। यह एक अत्यधिक अस्थिर निवेश भी है। 2010 में, इसकी कीमत मात्र $0.008 यानी लगभग 66 पैसे थी। इसका मतलब है कि उस समय सिर्फ ₹1.30 में आप दो बिटकॉइन खरीद सकते थे। आज, उन दो बिटकॉइन की कीमत ₹1,18,09,258 से अधिक होगी। यह रिटर्न आकर्षक लगता है, लेकिन यह यह भी दर्शाता है कि बिटकॉइन की कीमत कितनी तेजी से ऊपर-नीचे हो सकती है।
शेयर बाजार और सोने का निरंतर प्रदर्शन:
जबकि बिटकॉइन सुर्खियों में छाया हुआ है, पारंपरिक निवेश विकल्पों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। भारतीय शेयर बाजार सूचकांकों में से, सेंसेक्स इस वित्तीय वर्ष में 25% ऊपर चढ़ा है, जबकि निफ्टी ने 29% की वृद्धि दर्ज की है। यह निरंतर वृद्धि इक्विटी बाजार में निवेश करने वाले लोगों के लिए राहत की बात है।
सोने ने भी अपने निवेशकों को निराश नहीं किया है। हालाँकि इसकी वृद्धि बिटकॉइन की तुलना में मामूली है, 12% की वृद्धि सोने के निवेशकों के लिए स्वीकार्य रिटर्न है। सोने की एक स्थापित संपत्ति के रूप में एक लंबा इतिहास रहा है। इसे खरीदना और बेचना आसान है, और इसे गिरवी रखकर आसानी से लोन भी लिया जा सकता है। यही कारण है कि सोना भारतीय निवेश पोर्टफोलियो का एक प्रमुख हिस्सा बना हुआ है।
हालाँकि, विशेषज्ञ निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे अपने जोखिम को कम करने के लिए अपने निवेशों में विविधता लाएं। आदर्श रूप से, एक निवेश पोर्टफोलियो में इक्विटी (50%), ऋण (20%), सोना (10%), नकदी (10%), चांदी (5%) और क्रिप्टोकरेंसी (5%) का मिश्रण होना चाहिए। यह रणनीति विभिन्न परिसंपत्तियों के प्रदर्शन को संतुलित कर सकती है और जोखिम को कम कर सकती है।
निष्कर्ष olarak, वित्तीय वर्ष 2024 निवेशकों के लिए एक रोमांचक वर्ष रहा है। बिटकॉइन ने अभूतपूर्व ऊंचाइयां छुई हैं, जबकि शेयर बाजार और सोने ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। निवेशकों को यह सलाह दी जाती है कि वे अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के आधार पर अपने निवेश निर्णय लें।