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Share Market: भारी गिरावट, सेंसेक्स 750 अंकों से ज्यादा टूटा!

आज शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स 750 अंकों से ज्यादा टूटकर 74,272.82 स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं निफ्टी 232 अंकों की गिरावट के साथ 22,521.80 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। बाजार में आज सुबह से ही गिरावट देखने को मिल रही है।

गिरावट के प्रमुख कारण:

  • विदेशी बाजारों में गिरावट: विश्व बाजारों में आज गिरावट का असर घरेलू बाजार पर भी देखने को मिला। अमेरिकी बाजारों में आज गिरावट देखने को मिली, जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा।
  • महंगाई में बढ़ोतरी: भारत में महंगाई दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है और वे बाजार से निकासी कर रहे हैं।
  • ब्याज दरों में बढ़ोतरी: रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने से भी बाजार पर दबाव बढ़ा है।
  • अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक अनिश्चितता: रूस-यूक्रेन युद्ध और अन्य अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक घटनाओं ने भी बाजार की धारणा को प्रभावित किया है।

विभिन्न क्षेत्रों का प्रदर्शन:

  • सबसे ज्यादा गिरावट: निफ्टी आईटी इंडेक्स में आज सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। यह 4.66% गिरकर 16,764.95 के स्तर पर बंद हुआ।
  • अन्य प्रभावित क्षेत्र: निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2.73%, निफ्टी ऑटो 2.61%, निफ्टी मेटल 2.56%, निफ्टी रियल्टी 2.45% और निफ्टी बैंक 2.39% गिर गए।

निष्कर्ष:

आज शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट कई कारकों के कारण हुई है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार में सावधानी से निवेश करें और केवल उन्हीं शेयरों में निवेश करें जिनकी अच्छी मूलभूत स्थिति है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और बाजार जल्द ही वापस उभर सकता है। निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि अपनी निवेश रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखना चाहिए।

HRA क्लेम करते समय इन 3 गलतियों से बचें, वरना पड़ सकता है पछतावा

हाउस रेंट अलाउंस (HRA) क्लेम आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कटौती है। यह उन कर्मचारियों को प्रदान किया जाता है जो किराए के मकान में रहते हैं। HRA क्लेम करते समय कुछ गलतियां हो सकती हैं, जिनके परिणामस्वरूप जुर्माना और मुकदमेबाजी हो सकती है।

HRA क्लेम करते समय 3 सामान्य गलतियाँ:

  1. रेंट एग्रीमेंट नहीं बनाना: HRA क्लेम करते समय रेंट एग्रीमेंट होना जरूरी है। यदि आप रिश्तेदारों या दोस्तों को किराया दे रहे हैं, तो भी रेंट एग्रीमेंट बनाना आवश्यक है। यदि आपके पास रेंट एग्रीमेंट नहीं है, तो आपका HRA क्लेम खारिज हो सकता है।

  2. कैश में किराया भुगतान: HRA क्लेम करते समय, मकान मालिक के बैंक खाते में चेक या इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के माध्यम से किराया भुगतान करना महत्वपूर्ण है। कैश में भुगतान स्वीकार नहीं किए जाते हैं।

  3. केवल रेंट रिसीट पर निर्भर रहना: HRA क्लेम करते समय केवल रेंट रिसीट पर्याप्त नहीं है। आपको किराए के भुगतान के प्रमाण के रूप में बैंक स्टेटमेंट या चेक बुक भी प्रदान करना होगा।

HRA क्लेम करते समय इन गलतियों से बचने के लिए कुछ सुझाव:

  • रेंट एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करें और इसे सुरक्षित रखें।
  • मकान मालिक के बैंक खाते में चेक या इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के माध्यम से किराया भुगतान करें।
  • रेंट रिसीट, बैंक स्टेटमेंट और चेक बुक को HRA क्लेम के प्रमाण के रूप में रखें।

HRA क्लेम करते समय सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। यदि आप गलत तरीके से HRA क्लेम करते हैं, तो आपको जुर्माना और मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपको HRA क्लेम करने में कोई संदेह है, तो आपको किसी कर सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।

यहाँ कुछ अतिरिक्त युक्तियाँ दी गई हैं:

  • अपने HRA क्लेम की गणना करने के लिए आयकर विभाग द्वारा प्रदान किए गए कैलकुलेटर का उपयोग करें।
  • अपने HRA क्लेम के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों की फोटोकॉपी रखें।
  • अपने आयकर रिटर्न में HRA क्लेम को सही तरीके से भरें।

HRA क्लेम करने से आपको अपनी कर देयता को कम करने में मदद मिल सकती है। यदि आप HRA क्लेम करने के लिए पात्र हैं, तो इन युक्तियों का पालन करके आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका दावा स्वीकार कर लिया जाए।

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि HRA क्लेम करने के लिए कुछ शर्तें हैं। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप इन शर्तों को पूरा करते हैं, अन्यथा आपका दावा खारिज हो सकता है।

HRA क्लेम करने से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए, आप आयकर विभाग की वेबसाइट या किसी कर सलाहकार से संपर्क कर सकते हैं।

Petty Paytm Payments Bank in Trouble: एमडी और सीईओ सुरिंदर चावला ने दिया इस्तीफा

भुगतान कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) के एमडी और सीईओ सुरिंदर चावला ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है। चावला का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब पीपीबीएल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सख्त कार्रवाई का सामना कर रही है।

इस्तीफे के पीछे संभावित कारण:

  • व्यक्तिगत कारण: चावला ने अपने इस्तीफे के लिए व्यक्तिगत कारणों और बेहतर करियर की संभावनाएं तलाशने का हवाला दिया है।
  • आरबीआई की कार्रवाई: हाल ही में, आरबीआई ने पीपीबीएल पर नियामकीय मानकों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। इसके चलते, आरबीआई ने पीपीबीएल को नए ग्राहक खातों को स्वीकार करने पर रोक लगा दी थी।

प्रमुख घटनाक्रम:

  • जनवरी 2023: सुरिंदर चावला पीपीबीएल के एमडी और सीईओ बने।
  • जनवरी 2024: आरबीआई ने नियामकीय मानकों के उल्लंघन का हवाला देते हुए पीपीबीएल को नए ग्राहक खाते खोलने से रोक दिया।
  • मार्च 2024: पेटीएम के प्रवर्तक विजय शेखर शर्मा ने पीपीबीएल के अंशकालिक गैर-कार्यकारी चेयरमैन का पद छोड़ दिया।
  • अप्रैल 2024: सुरिंदर चावला ने पीपीबीएल के एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा दिया।

आगे की राह:

  • पीपीबीएल: पीपीबीएल को आरबीआई के निर्देशों का पालन करते हुए अपनी सेवाओं और प्रणालियों में सुधार लाना होगा। साथ ही, ग्राहकों का विश्वास पुनर्स्थापित करना भी उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
  • पेटीएम: पेटीएम को अपनी भुगतान सेवाओं के लिए बैंकिंग भागीदारों पर निर्भर रहना पड़ सकता है।
  • ग्राहक: ग्राहकों को अब अन्य विकल्पों पर भी विचार करना पड़ सकता है, जो उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकें।

निष्कर्ष:

सुरिंदर चावला का इस्तीफा पेटीएम पेमेंट्स बैंक और पेटीएम दोनों के लिए एक बड़ा झटका है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि पीपीबीएल आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन कैसे करता है और पेटीएम अपनी भुगतान सेवाओं को किस तरह से आगे बढ़ाता है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • ओसीएल और पीपीबीएल के बीच समझौते: वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) और पीपीबीएल के बीच लगभग सभी समझौते मार्च 2024 में समाप्त हो चुके हैं।
  • एनपीसीआई से मंजूरी: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने ओसीएल को मल्टी-बैंक मॉडल के तहत तृतीय-पक्ष एप्लिकेशन प्रदाता (टीपीएपी) के रूप में यूपीआई में भाग लेने की मंजूरी दे दी है।
  • पीएसपी बैंक: एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और यस बैंक पेटीएम के लिए भुगतान प्रणाली प्रदाता (पीएसपी) बैंकों के रूप में कार्य करेंगे।

Skyrocketing Gold Price: जानिए क्या है वजह?

पिछले कुछ समय से सोने-चांदी की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। सोने के भाव अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए हैं, और चांदी की कीमत भी लगातार बढ़ रही है। हालांकि, 5 जून 2024 को सोने की कीमतों में थोड़ी गिरावट देखी गई थी।

सोने की कीमतों में तेजी के कारण:

  • लंदन बुलियन मार्केट: सोने के दाम दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट से तय होते हैं। इस मार्केट में गोल्ड की कीमत बढ़ रही है, जिसका असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों पर दिख रहा है।
  • डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट: डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमतों में गिरावट आ रही है, जिसका असर भी सोने के भाव पर पड़ रहा है।
  • वैश्विक स्तर पर युद्ध: वैश्विक स्तर पर युद्ध की स्थितियों और आयात शुल्क आदि ने भी गोल्ड की कीमतों को प्रभावित किया है।
  • अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संकट: अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संकट भी बाजार में सोने के बढ़ने की वजह माना जा रहा है।

सोने की कीमतों का भविष्य:

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी सोने की कीमतों में और उछाल आ सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि साल 2025 तक सोने की कीमतें बढ़मी रहेंगी। लोग सोने को एक सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में देख रहे हैं।

चांदी की कीमतों में तेजी:

सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी तेजी देखने को मिल रही है। 5 जून 2024 को चांदी की कीमत 68,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गई थी। चांदी की कीमतों में तेजी के पीछे भी सोने जैसी ही वजहें हैं।

निवेशकों के लिए सलाह:

सोने और चांदी में निवेश करने से पहले, आपको अपनी वित्तीय स्थिति और निवेश लक्ष्यों पर विचार करना चाहिए। आपको सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का भी ध्यान रखना चाहिए।

अतिरिक्त जानकारी:

  • सोने और चांदी की कीमतें कई कारकों से प्रभावित होती हैं, जैसे कि मांग और आपूर्ति, मुद्रास्फीति, ब्याज दरें, और राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता।
  • सोने और चांदी में निवेश करने के कई तरीके हैं, जैसे कि भौतिक सोना या चांदी खरीदना, ज्वैलरी खरीदना, या सोने और चांदी के ETF या म्यूचुअल फंड में निवेश करना।
  • सोने और चांदी में निवेश करने से पहले, आपको अपनी वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सोने और चांदी में निवेश हमेशा सुरक्षित नहीं होता है। इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, और आप अपना पैसा भी खो सकते हैं।

निष्कर्ष:

सोने और चांदी की कीमतों में तेजी का दौर जारी है। यदि आप इनमें निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको पहले अपनी वित्तीय स्थिति और निवेश लक्ष्यों पर विचार करना चाहिए। आपको सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का भी ध्यान रखना चाहिए।

Matsutake Mushroom: स्वाद का राजा, कीमत का सम्राट

मात्सुटेक मशरूम, जिसे ‘मशरूम का राजा’ भी कहा जाता है, खाने के शौकीनों के लिए किसी सपने से कम नहीं है। इसकी मनमोहक सुगंध और स्वादिष्ट स्वाद इसे दुनिया के सबसे महंगे मशरूमों में से एक बनाते हैं। 20 ग्राम सोने से भी अधिक कीमत वाला यह मशरूम केवल अमीरों की थाली में ही सज पाता है।

मात्सुटेक मशरूम की विशेषताएं:

  • दुर्लभता: मात्सुटेक मशरूम केवल कुछ विशेष स्थानों पर उगते हैं, जैसे कि एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देवदार के जंगल। इनकी व्यावसायिक खेती करना मुश्किल है, जो इनकी दुर्लभता और मूल्य को बढ़ाता है।
  • नाजुकता: मात्सुटेक मशरूम बहुत नाजुक होते हैं और जल्दी खराब हो जाते हैं। इन्हें सावधानी से तोड़ना, पैक करना और परिवहन करना होता है, जो उनकी लागत को बढ़ाता है।
  • अद्वितीय स्वाद और सुगंध: मात्सुटेक मशरूम में मिट्टी, मसालों और फल के मिश्रण जैसी अनोखी सुगंध होती है। पकाने पर, वे एक समृद्ध, स्वादिष्ट स्वाद प्रदान करते हैं जो किसी भी व्यंजन को ऊंचा उठा सकता है।

मात्सुटेक मशरूम का उपयोग:

मात्सुटेक मशरूम का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है, जैसे कि सूप, स्टॉज, सलाद और तले हुए व्यंजन। जापान और कोरिया में इनकी विशेष मांग है, जहां इनका उपयोग पारंपरिक व्यंजनों में किया जाता है। मात्सुटेक मशरूम को अक्सर ताजा खाया जाता है, लेकिन इन्हें सुखाकर भी रखा जा सकता है।

मात्सुटेक मशरूम की कीमत:

मात्सुटेक मशरूम की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि उनकी गुणवत्ता, ताजगी और आकार। एक किलो मात्सुटेक मशरूम की कीमत 75,000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक हो सकती है। यह बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं होता है और इसे विशेष दुकानों से ही खरीदा जा सकता है।

मात्सुटेक मशरूम का महत्व:

मात्सुटेक मशरूम केवल अपने स्वाद और सुगंध के लिए ही नहीं, बल्कि अपने सांस्कृतिक महत्व के लिए भी जाने जाते हैं। जापान और कोरिया में, मात्सुटेक मशरूम को शरद ऋतु के आगमन और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक माना जाता है। विशेष अवसरों पर इस मशरूम को परोसा जाता है और इसे एक शानदार उपहार भी माना जाता है।

निष्कर्ष:

मात्सुटेक मशरूम, अपनी दुर्लभता, नाजुकता, अद्वितीय स्वाद और सुगंध, और सांस्कृतिक महत्व के कारण, दुनिया के सबसे मूल्यवान मशरूमों में से एक है। यह केवल अमीरों के लिए ही उपलब्ध है, लेकिन यह निश्चित रूप से एक अनूठा और यादगार भोजन अनुभव प्रदान करता है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • मात्सुटेक मशरूम का वैज्ञानिक नाम ट्राइकोलोमा मात्सुटेक है।
  • मात्सुटेक मशरूम का रंग भूरा-नारंगी होता है और इसकी टोपी 10 सेंटीमीटर तक व्यास में बढ़ सकती है।
  • मात्सुटेक मशरूम में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
  • मात्सुटेक मशरूम का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में भी किया जाता है।

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मात्सुटेक मशरूम की कई नकली प्रजातियां मौजूद हैं जो जहरीली हो सकती हैं. जंगल से खुद ही मात्सुटेक मशरूम को न तोड़ें, खासकर यदि आप इनकी पहचान करने में निपुण न हों. हमेशा प्रतिष्ठित विक्रेताओं से ही मात्सुटेक मशरूम खरीदें जो उनकी प्रामाणिकता की गारंटी दे सकें. मात्सुटेक मशरूम का अनुभव लेने से पहले सावधानी और सतर्कता जरूरी है.

A Cow worth 40 crore: ब्राजील की नीलामी और भारतीय गौरव

गाय को हिंदू धर्म में माता का दर्जा प्राप्त है। यह पशुधन समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता रहा है। हाल ही में ब्राजील में हुई एक पशुधन नीलामी ने इस परंपरागत धारणा को एक अनोखे रूप में सच साबित कर दिया। इस नीलामी में भारत की नेल्लोर नस्ल की एक गाय “वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस” को रिकॉर्ड 40 करोड़ रुपये की बोली लगाकर खरीदा गया। यह घटना न सिर्फ भारत के लिए गौरव का विषय है बल्कि पशुधन क्षेत्र में आनुवंशिकी के महत्व को भी रेखांकित करती है।

नेल्लोर नस्ल की खासियतें:

आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले की मूल निवासी नेल्लोर नस्ल की गायें अपनी कई खासियतों के लिए जानी जाती हैं। ये गायें कड़ी धूप और गर्मी सहने में माहिर होती हैं। इनका मेटाबॉलिज्म यानी पाचन क्रिया तंत्र काफी मजबूत होता है, जिससे वे कम बीमार पड़ती हैं। ये गुण पशुपालकों के लिए बेहद फायदेमंद हैं। वियाटिना भी इन्हीं खूबियों से भरपूर है और माना जा रहा है कि यह अपनी संतानों को भी ये गुण विरासत में देगी।

इतनी ऊँची बोली क्यों?

वियाटिना की इतनी ऊँची बोली केवल उसके शारीरिक गुणों तक सीमित नहीं है। असल में, इस नीलामी में खरीदी गई गाय की प्रजनन क्षमता पर भी बहुत ध्यान दिया जाता है। वियाटिना के आनुवंशिक गुणों को भ्रूण स्थानांतरण जैसी तकनीकों के जरिए उसकी संतानों में स्थानांतरित किया जा सकता है। माना जा रहा है कि उसकी संतानें भी माँ के समान मजबूत और रोग प्रतिरोधी होंगी। इससे न सिर्फ नेल्लोर नस्ल का विकास होगा बल्कि पूरे ब्राज़ील के डेयरी उद्योग को भी लाभ होगा।

ब्राज़ील में नेल्लोर नस्ल का सफर:

नेल्लोर नस्ल की गायें भले ही भारत की मूल निवासी हैं, लेकिन 1868 में पहली बार दो नेल्लोर गायों को ब्राज़ील लाया गया था। इसके बाद कई और गायों का आयात किया गया, जिससे वहां नेल्लोर नस्ल की संख्या बढ़ती गई। ब्राज़ील के वातावरण के अनुकूल होने के कारण यह नस्ल वहां काफी लोकप्रिय हो गई और आज यह सबसे महंगी गायों की नस्लों में से एक मानी जाती है।

नीलामी का व्यापक प्रभाव:

यह नीलामी पशुधन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे पशुपालकों में बेहतर आनुवंशिक गुणों वाले पशुधन को पालने की प्रेरणा मिलेगी। इससे न सिर्फ दूध उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि पशुओं के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा। यह अंततः किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने में योगदान देगा।

निष्कर्ष:

ब्राज़ील की यह नीलामी भारत के लिए गौरव का विषय है। इस घटना ने न सिर्फ नेल्लोर नस्ल की खूबियों को दुनिया के सामने ला खड़ा किया है बल्कि पशुधन क्षेत्र में आनुवंशिकी के महत्व को भी रेखांकित किया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह घटना भारतीय पशुपालन क्षेत्र को भी प्रेरित करेगी और आने वाले समय में भारत भी विश्व पटल पर इसी तरह की सफलता हासिल करेगा।